Monkeypox: देश में अब तक मंकीपॉक्स के 3 मामले सामने आये हैं तीनों मामले केरल मे सामने आए हैं दुनिया में अब तक मंकीपॉक्स के 11 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में इस वायरस के मिलने से टेंशन बढ़ गई है।
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। मंकीपॉक्स वायरस Poxviridae परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस भी शामिल है।
मंकीपॉक्स के लिए वैक्सीन
अमेरिका की नेशनल हेल्थ एंजेसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि मंकीपॉक्स के संक्रमण के लिए अभी कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन दवा के साथ इसे रोका जा सकता है। मार्केट में पहले से ऐसी दवाएं मौजूद हैं जो मंकीपॉक्स के इलाज में इस्तेमाल के लिए अप्रूव्ड हैं और बीमारी के खिलाफ प्रभावी रही हैं। जैसे- सिडोफोविर, एसटी-246 और वैक्सीनिया इम्युनोग्लोबुलिन का इस्तेमाल मंकीपॉक्स के संक्रमण में किया जाता है।
मंकीपॉक्स की रोकथाम और उपचार के लिए JYNNEOSTM वैक्सीन भी उपलब्ध है जिसे इम्वाम्यून या इम्वेनेक्स के नाम से भी जाना जाता है। इस वैक्सीन को डेनिश दवा कंपनी बवेरियन नॉर्डिक बनाती है। अफ्रीका में इसके इस्तेमाल के पिछले आंकड़े बताते हैं कि यह मंकीपॉक्स को रोकने में 85% प्रभावी है।
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं
मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान ही लेकिन हल्के होते हैं और संक्रमण के 7-14 दिनों बाद बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट के साथ शुरू होते हैं। इसके आम लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, थकान और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां आदी हैं।
पूरे शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने, निमोनिया तेज सिरदर्द ,मांसपेशियों में दर्द,ठंड लगना,अत्यधिक थकान,तेज बुखार आना,शरीर में सूजन,एनर्जी में कमी होना,त्वचा पर लाल चकत्ते ,समय के साथ लाल चकत्ते का घाव का रूप ले लेना
मंकीपॉक्स से कैसे हो सकता है बचाव, हेल्थ मिनिस्ट्री ने गाइडलाइन जारी की
- सभी हेल्थ सेंटर ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखें, जिनके शरीर पर दाने दिखते हैं। पिछले 21 दिनों में मंकीपॉक्स सस्पेक्टेड देशों की ट्रैवल हिस्ट्री, किसी मंकीपॉक्स सस्पेक्टेड से सीधा संपर्क रहा हो।
- सभी संदिग्ध केस को हेल्थकेयर फैसिलिटी में आइसोलेट किया जाएगा, जब तक उसके दानों की पपड़ी नहीं उधड़ जाती।
- मंकीपॉक्स संदिग्ध मरीजों के फ्लूइड या खून का सैंपल NIV पुणे में टेस्ट के लिए भेजा जाएगा।
- अगर कोई पॉजिटिव केस पाया जाता है, तो फौरन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू की जाएगी।
- विदेश से आने वाले यात्रियों को ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए जो स्किन रोग से पीड़ित हों।
- यात्रियों को चूहे, गिलहरी, बंदर सहित जीवित अथवा मृत जंगली जानवरों के संपर्क में नहीं आना चाहिए।
- अफ्रीकी जंगली जीवों से बनाए गए उत्पादों जैसे- क्रीम, लोशन, पाउडर का इस्तेमाल करने से बचें। शिकार से प्राप्त मांस को न तो खाएं और न ही बनाएं।
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